लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2708
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषाएँ -

शैक्षिक प्रशासन का शाब्दिक अर्थ - 'शिक्षा - प्रशासन दो पूर्ण शब्दों से मिलकर बना है- 'शिक्षा एवं प्रशासन'। इन दोनों शब्दों का पृथक्-पृथक् अर्थ प्रस्तुत कर रहे हैं -

(i) 'शिक्षा' का अर्थ - 'शिक्षा' शब्द अंग्रेजी शब्द Education' का हिन्दी रूपान्तर है। इस शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के ( Education) नामक शब्द से हुई है जो कि दो शब्द `E" तथा 'Catum' से मिलकर बना है। E का अर्थ है 'अन्तः' (या 'अन्दर' से) तथा 'Catum' का अर्थ है 'आगे बढ़ना' या 'अग्रसर करना'। इस प्रकार शाब्दिक अर्थ में बालक में अन्तर्निहित शक्तियाँ या गुणों की ओर सर्वांगीण विकास करने की प्रक्रिया शिक्षा कहलाती है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति के प्राकृतिक व्यवहार में जो परिवर्तन होता है वह व्यक्ति, समाज, देश तथा विश्व के कल्याण में सहायक होता है। इस प्रकार शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो बालक या व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण अर्थात् समस्त पहलुओं, यथा शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक एवं नैतिकता का विकास करती है, जिससे वह अपनी तथा समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति में मौलिक योगदान दे सकता है। शिक्षा की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए नन ने लिखा है- "शिक्षा बालक के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास है जिसके द्वारा वह यथाशक्ति मानव का मौलिक योगदान कर सके।"

(ii) 'प्रशासन' का अर्थ -'प्रशासन' शब्द अंग्रेजी शब्द Administration' - का हिन्दी रूपान्तर है। इस शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्द 'ad' एवं 'minister' से मिलकर हुई है जिसका अर्थ है 'सेवा करना'। इस प्रकार प्रशासन का तात्पर्य है - 'सेवा करना', 'प्रबन्ध करना' या 'निर्देशन देना'। शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासन का अर्थ और अधिक व्यापक है, जैसा कि सीयर्स ने लिखा है - "साधारण बोलचाल में प्रशासन प्रबन्ध का समानार्थी है किन्तु शिक्षा में अपने उपयुक्त प्रयोग के लिए यह इससे अधिक है और अपने क्षेत्र में अधीक्षण, पर्यवेक्षण, नियोजन, देखभाल, निर्देशन, संगठन, नियंत्रण, मार्ग-प्रदर्शन, नियमन जैसे शब्दों से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है। "

वस्तुतः प्रशासन एक प्रकार से प्रबन्ध ही है जिसके द्वारा किसी संगठन या संस्था का सुचारु रूप से संचालन किया जाता है। चाहे यह संगठन शासकीय, सामुदायिक, शैक्षिक या औद्योगिक हो। इस प्रकार प्रशासन का तात्पर्य किसी भी संगठन या संस्था के अन्तर्गत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले व्यक्तियों के समूह तथा उनकी क्रियाओं के समन्वय से है। प्रशासन की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए श्री चन्द्रकान्त ने ठीक ही लिखा है- "यद्यपि प्रशासन की कोई एक परिभाषा नहीं दी जा सकती, फिर भी इस बात से सभी सहमत हैं कि प्रशासन का सम्बन्ध व्यक्तियों से सम्बन्ध रखने तथा उनकी गतिविधियों के समन्वय से रहता है। "

शैक्षिक प्रशासन का वास्तविक अर्थ - शैक्षिक प्रशासन का वास्तविक अर्थ शिक्षा प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने वाली उस व्यवस्था से है जिसके अन्तर्गत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले व्यक्तियों के विचारों एवं प्रयासों में सामंजस्य या सम्बन्ध स्थापित किया जाता है और भौतिक तत्वों एवं शिक्षा सम्बन्धी अन्य साधनों का इस प्रकार उपयोग किया जाता है कि छात्रों में मानवीय गुणों का विकास प्रभावशाली ढंग से हो।

परिभाषाएँ

शैक्षिक प्रशासन के अर्थ तथा अवधारणा को समझने के लिए कुछ विद्वानों ने परिभाषाएँ दी हैं जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं

(i) फाक्स, विश तथा रफनर के अनुसार - "शिक्षा प्रशासन एक सेवा कार्य है, जिसके द्वारा शैक्षिक प्रक्रिया के उद्देश्यों की प्राप्ति प्रभावशाली ढंग से होती है।"

(ii) बैलफोर ग्राहम के अनुसार -" शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त बालकों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्राप्त करने के योग्य बनाता है जिससे वे उपलब्ध आर्थिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। "

(iii) डॉ. सैय्यदेन के अनुसार - " प्रशासन को अब समझ लेना चाहिए कि उसका कार्य फाइलों का निपटारा करने, शिक्षण विधियों का पालन करने तथा मानव सम्बन्धों को स्वस्थ बनाने तक ही सीमित नहीं है, उसको तो शैक्षिक विचारधाराओं को कार्य रूप में परिणित करना है। उसका कार्य शैक्षिक क्रिया और शैक्षणिक सिद्धान्तों के बीच अटूट सम्बन्ध का नियोजन है।”

(iv) मुकर्जी के अनुसार - "शैक्षिक प्रशासन भौतिक साधनों एवं मानवीय सम्बन्धों तथा सभी प्रकार से लोगों के एक साथ काम करने के प्रबन्ध से सम्बन्धित है। वास्तव में शैक्षिक प्रशासन अजीवित वस्तुओं की अपेक्षा मनुष्य से अधिक सम्बन्धित है।"

(v) आर. मौर्ट पॉल के अनुसार "शैक्षिक प्रशासन का अर्थ छात्रों के विकास को निर्धारित उद्देश्यों की दिशा में प्रवाहित करना, इस दृष्टि से शिक्षकों का साधन के रूप में प्रयोग करना तथा इस प्रक्रिया का संचालन ऐसे जन समुदाय के संदर्भ में करना जो शिक्षा के उद्देश्यों एवं उनकी प्राप्ति के साधन दोनों से विभिन्न प्रकार से सम्बन्धित हैं। "

(vi) इनसाइक्लोपीडिया ऑफ एजूकेशन रिसर्च में - शैक्षिक प्रशासन को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- "शैक्षिक प्रशासन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्यकर्त्ताओं के प्रयासों में सामंजस्य स्थापित किया जाता है तथा उपयुक्त सामग्री को इस प्रकार से प्रयोग किया जाता है जिससे मानवीय गुणों का विकास प्रभावशाली ढंग से हो। यह प्रक्रिया केवल बालकों एवं नवयुवकों के विकास से ही सम्बन्धित नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत प्रौढ़ों एवं कार्यकर्त्ताओं के विकास को भी महत्व दिया जाता है। "

(vii) नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1988 के अनुसार - "शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एक ऐसे प्रशासन से है जो समाज एवं व्यक्ति की आवश्यकतानुसार शिक्षा की व्यवस्था कर एक ओर व्यक्ति को न केवल आत्म-निर्भर बना रहे वरन् उसे समाजोपयोगी नागरिक के रूप में भी विकसित कर सके।"

 

शैक्षिक प्रशासन का क्षेत्र - गैण्ड एवं शर्मा ने अपनी पुस्तक Education and Secondary School Administration' में शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र के अंतर्गत निम्नलिखित बातों का समावेश किया है.

(i) समाज के उद्देश्यों, उसकी आवश्यकताओं, परिपाटियों, आशाओं एवं आकांक्षाओं आदिn को भली-भाँति समझकर शिक्षा के उद्देश्यों को निश्चित करना।
(ii) समाज के सभी बालकों के लिए शिक्षा की योजना बनाना।
(iii) इस योजना को कार्य रूप में परिणत करने के लिए समस्त उपलब्ध साधनों को एकत्रित करना।
(iv) इन समस्त साधनों का समायोजन करना और यह देखना कि किसी भी प्रकार संचालन के कार्य में श्रम, सामग्री, धन, साधन आदि में से किसी का अपव्यय एवं बर्बादी तो नहीं हो रही है।
(v) शिक्षा की क्रिया को ठीक ढंग से संचालित करना और परिणाम का मूल्यांकन करना तदुपरान्त उनके आधार पर आगे की योजना बनाना, फिर उसी प्रकार सामग्री, साधन आदि इकट्ठा करके योजना को चलाना।

अमेरिकन शिक्षा - शास्त्रियों व शिक्षा - विशेषज्ञों ने शैक्षिक - प्रशासन के क्षेत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित बातों को सम्मिलित किया है

(i) शिक्षा के उद्देश्य के सम्बन्ध में सहमति प्राप्त करना।
(ii) शिक्षकों, अन्य सम्बन्धित व्यक्तियों, शैक्षिक उपकरणों तथा विद्यालयों के भवन निर्माण आदि के लिए वित्तीय व्यवस्था करना।
(iii) शिक्षक एवं अन्य सम्बन्धित व्यक्तियों को भर्ती करना और उन्हें कार्यों एवं उत्तरदायित्वों से परिचित कराना।
(iv) सम्बन्धित व्यक्तियों को परस्पर सहयोग के लिए प्रेरित करना।
(v) योजनाओं, नीतियों एवं व्यक्तियों की क्रियाओं का समय-समय पर मूल्यांकन करना।

ओरिन बी. ग्रैफ एवं केलविन एम. स्ट्रीट ने शिक्षा - प्रशासन के विभिन्न अंगों के रूपों का विभाजन निम्न प्रकार से किया है।

(i) पाठ्यक्रम एवं शिक्षण - पाठ्यक्रम में शिक्षण-प्रविधियों, भौतिक साधनों एवं परिणाम के मूल्यांकन का समावेश किया है।
(ii) कार्यकर्त्ता छात्र इसके अंतर्गत छात्रों की भर्ती, उनकी स्थापना, वर्गीकरण, उनका सम्मिलन, मार्ग-प्रदर्शन, उपदेश, उनका उन्नति विवरण, अनुशासन, असंतुलन की परिचर्या एवं सेवा कार्य की हीनता का             समावेश होता है।
(iii) कार्यकर्त्ता अध्यापक-वर्ग- यह भर्ती शिक्षकों की सेवा प्राप्ति, व्यापारिक विकास के अवसर तथा सेवा - कार्य के लिए अधिकाधिक सुयोग्य अवसर प्रदान करके कल्याण-भावना आदि की नीति निश्चित करती         है।
(iv) स्कूल भवन इसके अंतर्गत विद्यालय भवन नियोजन, निर्माण एवं स्थापना और कुशल प्रयोग के लिए प्रबन्ध का समावेश होता है।
(v) संगठनात्मक संरचना इसके अंतर्गत अध्यापकों, छात्रों एवं अन्य साधनों का संयोजन होता है।
(vi) वित्त एवं व्यापारिक संगठन

इसमें स्रोतों की उपलब्धि धनराशि की प्राप्ति सुगमता, उसका विभाजन एवं उसका लेखा-जोखा तैयार करना आदि आता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए नेतृत्व के प्रकार तथा आवश्यकता की विवेचनाकीजिए।
  2. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए नेता के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- शिक्षा में नेतृत्व की महत्ता की विवेचना शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में विस्तार से कीजिए।
  4. प्रश्न- नेतृत्व से सम्बन्धित किन्हीं दो सिद्धान्तों को विस्तार से विवेचित कीजिये।
  5. प्रश्न- विद्यालय नेता के रूप में प्राचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
  7. प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व में नैतिकता और शिष्टाचार का उल्लेख कीजिए।
  8. प्रश्न- प्रभावी शैक्षिक नेतृत्व के विकास के सोपान को स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- प्रजातांत्रिक व निरंकुशवादी नेतृत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  10. प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व की अवधारणा लिखिए।
  11. प्रश्न- विद्यालय प्रशासन में ग्रिफिथ्स द्वारा कल्पित विद्यालय तन्त्र की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  12. प्रश्न- विद्यालय के शैक्षिक प्रशासन में मानवीय सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- प्रधानाचार्य तथा शिक्षक के सम्बन्ध पर टिप्पणी लिखिए।
  14. प्रश्न- संघर्षरहित वातावरण की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- नेतृत्व में समूह बनाने की अवधारणा लिखिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा के प्रबन्धन का अर्थ स्पष्ट करते हुए शिक्षा में प्रबन्ध के कार्य क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- प्रबन्धन के महत्व को स्पष्ट कीजिये।
  18. प्रश्न- प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं? इसकी समुचित परिभाषा देते हुए विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  19. प्रश्न- शिक्षा प्रबन्धन की अवधारणा स्पष्ट करते हुए इसकी विशेषता एवं क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  20. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के कार्यों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर समझाइए तथा शिक्षा प्रबन्ध की महत्वपूर्ण दशाएँ बताइए।
  23. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की समस्याएँ बताइए।
  24. प्रश्न- प्रबन्धन के मुख्य कार्यों को संक्षेप में बताये ?
  25. प्रश्न- पोस्डकॉर्ब (POSDCORB ) को स्पष्ट कीजिये।
  26. प्रश्न- कुछ प्रमुख विचारकों द्वारा बताये गये प्रबन्धन के कार्यों का उल्लेख कीजिये।
  27. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- शिक्षा प्रबन्ध के क्षेत्र को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले तत्त्व की विवेचना कीजिए।
  31. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- एक अच्छे प्रबन्धक की विशेषतायें लिखिये।
  33. प्रश्न- विद्यालय में कक्षा-कक्ष प्रबन्धन से क्या आशय है? कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की प्रक्रिया को समझाइये।
  34. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन का अर्थ एवं सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्याओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन कौशल के प्रमुख घटक या चर कौन-से हैं ?
  37. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के उद्देश्य लिखिए ?
  38. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले कोई पाँच कारक लिखिए।
  39. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के सिद्धान्तों की व्याख्या संक्षेप में कीजिये।
  40. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्यायें बताइये?
  41. प्रश्न- कक्षा-कक्ष के प्रमुख घटक या चर कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- कक्षाकक्ष प्रबन्धन में शिक्षक की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता है ?
  44. प्रश्न- टीम निर्माण की आवश्यकता बताते हुए टीम निर्माण में सम्प्रेषण के महत्व की विवेचना कीजिये?
  45. प्रश्न- सम्प्रेषण का क्या अर्थ है? इसकी आवश्यकता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? विद्यालय में सम्प्रेषण के विभिन्न स्तरों का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- सम्प्रेषण की कौन-कौन सी विधियाँ एवं प्रविधियाँ प्रयोग में लायी जाती हैं? सम्प्रेषण की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- सम्प्रेषण के आधार पर टीम निर्माण के निहित तत्वों का वर्णन कीजिये।
  49. प्रश्न- दल-निर्माण में सम्प्रेषण की अवधारणा स्पष्ट कीजिये।
  50. प्रश्न- टीम निर्माण में सम्प्रेषण के सिद्धान्तों का प्रयोग समझाइये ?
  51. प्रश्न- दल निर्माण के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
  52. प्रश्न- सम्प्रेषण में सुधार करने के लिए दल निर्माण की भूमिका का वर्णन कीजिये।
  53. प्रश्न- सम्प्रेषण किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- सम्प्रेषण की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- सम्प्रेषण की आवश्यकता तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  57. प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन में स्वोट (SWOT) विश्लेषण क्या है ? स्वोट विश्लेषण की विशेषताएँ बताइये।
  58. प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन की गुणवत्ता को प्रभावशाली बनाने में स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- Swot स्वोट विश्लेषण के लाभ समझाइये।
  60. प्रश्न- स्वोट विश्लेषण का मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है? समझाइये।
  61. प्रश्न- SWOT स्वोट विश्लेषण के रूप या प्रकार बताइये।
  62. प्रश्न- स्कूल या विद्यालय का अर्थ व परिभाषा बताते हुए उसके कार्यो की विवेचना कीजिये।
  63. प्रश्न- विद्यालय और समाज एक-दूसरे पूरक एवं सहयोगी हैं, विस्तार से वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- विद्यालय भवन के निर्माण, साज-सज्जा तथा रख-रखाव पर विस्तृत वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- विद्यालय भवन या निर्माण के आवश्यक घटकों का वर्णन कीजिये।
  66. प्रश्न- विद्यालय भवन से क्या तात्पर्य है? विद्यालय भवन निर्माण के आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- विद्यालय पुस्तकालय से आप क्या समझते हैं? पुस्तकालय के उद्देश्य एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- विद्यालय के प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
  69. प्रश्न- विद्यालय भवन निर्माण के चरण (Steps) बताइये।
  70. प्रश्न- विद्यालय भवन में लर्निंग कार्नर किसे कहते हैं?
  71. प्रश्न- विद्यालय भवन के प्रमुख कक्ष पर प्रकाश डालिए।
  72. प्रश्न- विद्यालय / स्कूल की मुख्य विशेषतायें समझाइये।
  73. प्रश्न- विद्यालय की आवश्यकता एवं महत्व को बताइये।'
  74. प्रश्न- भौतिक संसाधन प्रबन्धन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- विद्यालय भवन-निर्माण के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
  76. प्रश्न- विद्यालय छात्रावास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विद्यालय भवन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- 'समय सारणी शिक्षण-अधिगम के कुछ मूल सिद्धान्तों पर आधारित होती है, केवल मात्र मुख्याध्यापक की मर्जी पर नहीं।' इस कथन को स्पष्ट करते हुए समय-सारणी के निर्माण सम्बन्धी सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिये।
  79. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के प्रकार बताइये तथा कक्षा विद्यालय की समय-सारणी 'का उदाहरण दीजिये।
  80. प्रश्न- समय-सारणी चक्र का निर्माण करने के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- समय सारणी चक्र के निर्माण करने के विशिष्ट सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- समय-सारिणी चक्र के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
  83. प्रश्न- विद्यालय वातावरण का अर्थ समझाइए।
  84. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के सोपान (Steps ) बताइये।
  85. प्रश्न- समय-सारणी की पाँच विशेषताओं का उल्लेख कीजिये ?
  86. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  87. प्रश्न- विद्यालय में समय चक्र की आवश्यकता व महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- समय तालिका के निर्माण में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- समय तालिका निर्माण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  90. प्रश्न- प्रयोगशाला से आपका क्या तात्पर्य है? प्रयोगशाला स्थापना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  91. प्रश्न- एक अच्छी प्रयोगशाला से छात्रों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हुए हैं ? साथ ही प्रयोगशाला संचालन करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? उसका उल्लेख कीजिए।
  92. प्रश्न- विद्यालय में प्रयोगशाला के महत्व एवं लाभ को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- खेल का मैदान/क्रीडास्थल पर टिप्पणी लिखिए।
  94. प्रश्न- खेल के मैदान का महत्व बताइये।
  95. प्रश्न- विद्यालय में खेल के मैदान की व्यवस्था किस प्रकार करनी चाहिए? समझाइये। उत्तर -
  96. प्रश्न- स्टाफ रूम / शिक्षक-कक्ष को स्पष्ट कीजिये।
  97. प्रश्न- कक्षा-कक्ष ( Class Room) को परिभाषित कीजिये।
  98. प्रश्न- बच्चों के अनुकूल स्कूल (Child Friendly School ) पर प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- संस्थागत शासन से आपका क्या तात्पर्य है तथा संस्थागत प्रशासन में प्रधानाचार्य की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
  100. प्रश्न- कार्मिकों (स्टाफ) की भर्ती एवं चयन प्रक्रिया को समझाइये।
  101. प्रश्न- स्टाफ ( Staff) मूल्यांकन को समझाते हुए, इसकी विशेषताएँ बताइये ?
  102. प्रश्न- स्टाफ ( शिक्षकों) के व्यावसायिक विकास को विस्तारपूर्वक समझाइये ?
  103. प्रश्न- विद्यालय में बैटक ( मीटिंग) की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की क्या भूमिका है? वर्णन कीजिये।
  104. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  105. प्रश्न- शिक्षा प्रशासन के प्रारूपों का वर्णन कीजिये। शिक्षा व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रशासन के स्वरूप / संरचना का वर्णन कीजिये।
  106. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डालिए और उसके उद्देश्यों को भी स्पष्ट कीजिए।
  108. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  109. प्रश्न- ऐतिहासिक दृष्टि से शैक्षिक प्रशासन को कितने विभिन्न भागों में विभाजित किया जा सकता है? स्वतन्त्र भारत में शिक्षा प्रशासन की विवेचना कीजिए।
  110. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन कला है या विज्ञान? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ क्या है? स्पष्ट कीजिए।
  112. प्रश्न- केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण का अर्थ एवं विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  113. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के गुण एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  114. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के व्यापक अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
  115. प्रश्न- बाह्य तथा आन्तरिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  116. प्रश्न- एक अच्छे शैक्षिक प्रशासक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में प्रधानाचार्य की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  118. प्रश्न- संस्थागत क्रियाओं के सुशासन हेतु प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  119. प्रश्न- प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य का उल्लेख कीजिए।
  120. प्रश्न- मूल्यांकन में प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  121. प्रश्न- विद्यालय में मीटिंग की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की भूमिका की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  122. प्रश्न- परिवेक्षण तथा पर्यवेक्षण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम क्या है ? इसके उद्देश्य बताइये।
  124. प्रश्न- स्वास्थ्य शिक्षा से आप कया समझते हैं? स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक अध्यापक की भूमिका का वर्णन करें।
  125. प्रश्न- विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? विवेचन कीजिए।
  126. प्रश्न- विद्यालयीय चिकित्सा सेवा से क्या तात्पर्य है? इसके विभिन्न पक्षों और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  127. प्रश्न- योग का अर्थ बताते हुए विभिन्न विद्वानों की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। अथवा योग शिक्षा से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिए।
  128. प्रश्न- विद्यालय मध्याह्न भोजन से आप क्या समझते है ? भोजन के विभिन्न कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  129. प्रश्न- मध्याह्न भोजन की आवश्यकता बताइए तथा निष्पादन पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं? पौष्टिक आहार के विभिन्न तत्वों के स्रोतों तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- एक चिकित्सा निरीक्षण क्या है?
  132. प्रश्न- टीकाकरण (Immunization) पर अपने विचार व्यक्त करिये ?
  133. प्रश्न- उचित मुद्रा (Posture ) के महत्व पर विचार प्रकट कीजिये।
  134. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के केन्द्रीयकरण के नियम के गुणों को समझाइये।
  135. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के नियम विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हैं संक्षेप में बताइये।
  136. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप को संक्षेप में बताइये।
  137. प्रश्न- छात्रों के नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिये।
  138. प्रश्न- कलाई की योग मुद्राओं के प्रकार बताइये।
  139. प्रश्न- चिकित्सा से सम्बन्धित शिक्षक के क्या कार्य या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
  140. प्रश्न- मेडिकल या स्वास्थ्य रिकॉर्ड के अभिलेख का वर्णन कीजिये।
  141. प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
  142. प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अध्यापक की भूमिका का विवेचन कीजिए।
  143. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (1. शैक्षिक नेतृत्व का अर्थ एवं प्रकार)
  144. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (2. दल निर्माण)
  145. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (3. शैक्षिक प्रशासन और स्कूल )
  146. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (4. विद्यालय में एक प्रभावी कक्षा कक्ष प्रबन्धन के लिए प्रबन्धन कार्यों का उपयोग करना )
  147. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (5. दल निर्माण में सम्प्रेषण का महत्व )
  148. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (6. विद्यालय प्रबन्धन में गुणवत्ता सुधार के लिए तथा स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य का कौशल)
  149. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (7. स्कूल (विद्यालय) - उसके कार्य और समाज से सम्बन्ध)
  150. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (8. स्कूल वातावरण : अर्थ एवं प्रकार, समय-सारणी, समय-सारणी तैयार के सिद्धान्त और तकनीक)
  151. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (9. प्रयोगशाला, खेल मैदान, छात्रावास, स्टाफ रूम, कक्षा-कक्ष)
  152. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (10. संस्थागत शासन, चयन प्रक्रिया, स्टाफ का मूल्यांकन)
  153. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (11. भारत में शैक्षिक प्रशासन के सिद्धान्त और उसकी संरचना )
  154. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (12. प्रधानाचार्य विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में )
  155. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (13. स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के पर्यवेक्षक )

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book